ये मकां की जिसको,
मैं घर बना रहा हूँ
तेरी पायल की छनक और
तेरी चूड़ियों की खनक से
सजा रहा हूँ
ये मकां की जिसको,
मैं घर बना रहा हूँ
बहुत मुश्किल था
ये ख़्वाब एक वक़्त
हिम्मत नहीं थी
ना साधन कोई था
वो गुलक सी सेविंग
तिजोरी से सपने
तुम्हारा यूँ कहना
अजी करके तो देखें
उन्ही सब ख़्वाबों को
हकीकत बना रहा हूँ
ये मकां की जिसको,
मैं घर बना रहा हूँ